सतगुरु ज्ञान चक्षु से प्राप्त होता है परमात्मा का बोधः ललित मोहन भट्ट
देहरादून। परमात्मा का बोध सतगुरु के ज्ञान से प्राप्त होता है, जो हमें जीवन जीने का सुन्दर सलिका सीखाता है। हमें मानवीय गुणों से भरपूर कर देता है। गुरु दिखावे-गुरु मनावे-गुरु ही प्यार सीखाता है। यह हमें सेवा-सुमिरन-सत्संग के द्वारा प्राप्त होते है।
बता दें कि सन्त निरंकारी मण्डल, ब्रांच देहरादून के तत्वाधान में आयोजित रविवारीय सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्थानीय ज्ञान प्रचारक पूज्य ललित मोहन भट्ट जी ने अपने आध्यात्मिक प्रवचन करते हुए कहा जो सतगुरु के चरणों में लग जाता है, वह अन्दर बाहर से एक हो जाता है।
जब हम सतगुरु के ज्ञान के अनुसार आत्मनिरीक्षण करते है, तब हमें आनन्द की अनुभूति प्राप्त होती है, तब हम ज्ञान के सही मार्ग पर चल रहे होते है। हम बड़े भाग्यशाली है, जो हमें सन्तों-महात्माओं के बीच बैठकर परमात्मा का गुणगान करने व सुनने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
सतगुरु के ज्ञान से मन की अवस्था उज्जवल होती है। मत ऊंची होती है। ज्ञान से ही मन निर्मल होता है, जो हमें परमात्मा से जोड़े रखता है। हृदय में दया, करूणा, प्रेम एवं नम्रता के भाव उजागर होते है। जीवन मिलवर्तनशील बन जाता है।
सत्संग समापन से पूर्व अनेकों प्रभु-प्रेमियों, भाई-बहनों एवं नन्हे-मुन्ने बच्चों ने गीतों एवं प्रवचनों के माध्यम से निरंकारी माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपाओं का व्याख्यान कर संगत को निहाल किया। मंच का संचालन पूज्य भाईसाहब दयानन्द नौटियाल जी ने किया।
– भगवान सिंह बिष्ट